February 28, 2015

Shocking!!! - One more case of Torch light sterilization in Azamgarh

आजमगढ़ में मोबाइल की रोशनी में हुआ नसबंदी का आपरेशन चार घंटे में 60 महिलाओं का किया आपरेशन महिलाओं की जिन्दगी से खेल रहा स्वास्थ्य विभाग ४.५ मिनट में हुआ एक की नसबंदी नसबंदी में लापरवाही से हो चुकी हैं कई मौतें आजमगढ़। महिलाओं की नसबंदी में हो चुकी मौतों से स्वास्थ्य विभाग कोई सबक नहीं ले रहा है। अभी कुछ माह पूर्व ही छत्तीसगढ़ विलासपुर जनपद के तखतपुर ब्लाक में दर्जनों महिलाएं नसबंदी कराने के बाद काल के गाल में समा गयीं। समुचित व्यवस्था देने का दावा करने वाला स्वास्थ्य विभाग शुक्रवार को आजमगढ़ जनपद के मार्टिनगंज में साढ़े चार घंटे में 60 महिलाओं का आपरेशन कर दिया। अस्पताल में रोशनी की व्यवस्था नही थी तो शाम होते ही चिकित्सकों ने मोबाइल की रोशनी में सर्जरी शुरु कर दी। जनपद के मार्टिनगंज ब्लाक में शुक्रवार को नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया था। इसमें नसबंदी के लिए 60 महिलाओं का पंजीयन हुआ था। डा.एसपी तिवारी के नेतृत्व में चिकित्सकों की टीम अपराह्न 3.30 बजे मार्टिनगंज ब्लाक पर पहुंची उसके बाद आपरेशन शुरु हुआ जो रात करीब 8 बजे तक चला। अस्पताल में रोशनी की कोई व्यवस्था नहीं थी। शाम होते ही नसबंदी के लिए आयी महिलाओं पर जब टार्च व मोबाइल से रोशनी डाली गई तो चिकित्सक ने आपरेशन किया। स्वास्थ्य विभाग नसबंदी शिविर में समुचित व्यवस्था का ढिढोरा पीटता रहा है। जब मार्टिनगंज चिकित्सा प्रभारी डा.धनन्जय सिंह से बात हुई तो उन्होंने कहा कि मोबाइल वैक्सीन को ठंडा करने के लिए बिजली की व्यवस्था है। वर्तमान समय में यहां रोशनी नहीं है। बाद में ठीक करा दिया जायेगा। केंद्र सरकार की योजना राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य योजना के तहत जनपद के वि•िान्न स्वास्थ्य केंद्रों को सभी सुविधाओं से युक्त किया गया है। इसके बावजूद महिलाओं की जिन्दगी चिकित्सक और व्यवस्थापक दाव पर लगा रहे हैं। साढेÞ चार घंटे में 60 आपरेशन मूलभूत सुविधाओं के अभाव में करना जोखिम भरा कदम है। सबसे अहम बात यह है कि अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में बेड भी नहीं है। इस मेडिकल टीम को इस कदर जल्दी थी कि उसने एक नसबंदी में महज 4.5 मिनट ही लगाये। केंद्र सरकार के मानकों के अनुसार एक मेडिकल टीम एक दिन में महज 30 सर्जरी कर सकती है लेकिन यहां तो एक अकेले डाक्टर ने ही 60 महिलाओं की नसबंदी कर डाली । भ ले ही महिलाओं की जान जोखिम में पड़ी रही।

News Paper Reports : 
Hindusthan Times
Amar Ujala - Varanasi

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